स्वाइन फ्लूः लक्षण, रोकथाम और बचाव. Swine Flu Symptoms & Prevention

Swine Flu Symptoms & Prevention

Swine Flu एक गंभीर बीमारी है। यह असल में एक वायरस है, जो संक्रमण के कारण फैलता है। आजकल सुनने में आया है कि स्वाइन फ्लू फिर से फैल रहा है। यह वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में बहुत तेजी से फैलता है। इससे पहले कि हम और हमारे बच्चे इस बीमारी के शिकार बने हमें इस बीमारी के लक्षणों को पहचान लेना चाहिए और उसके बचाव के लिए क्या कार्य करने चाहिए यह भी जान लेना चाहिए।

What is Swine Flu!

Swine Flu को h1n1 वायरस भी कहा जाता है। Swine Flu मुख्य रूप से सूअरों के स्वसन तंत्र से निकले वायरस के कारण होता है। यह अधिकतर सूअर के संपर्क में रहने वाले लोगों को प्रभावित करता है। हालांकि लाखों ऐसे लोग भी हैं, जो सूअर को के संपर्क में नहीं होते हुए भी स्वाइन फ्लू की चपेट में आए हैं। World Organisation for Animal Health ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, इस वायरल ने अपना विस्तार रूप ले लिया है अब यह सूअरों तक सीमित नहीं है।

Swine Flu का उपचार यदि समय रहते नहीं किया जाए, तो यह बीमारी जानलेवा भी हो सकती है। World Health Organisation ने 2009 में इसे epidemic करार दे दिया था। Swine Flu का वायरस अपना रूप बदलता रहता है। इसकी वजह से इस वायरस में पहले जो Antibody यूज की गई, वह जरूरी नहीं कि दुबारा भी असर करें। यही वजह है कि influenza के वैक्सीन का भी इस वायरस पर कोई असर नहीं होता।

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यदि Swine Flu का उपचार समय रहते ही कर लिया जाए तो इस बीमारी को नियंत्रित भी किया जा सकता है। यदि शुरुआती समय में ही बीमारी का पता लगा लिया जाए, तो इस पर काबू पाना आसान हो जाता है, नहीं तो यह बीमारी मरीज की मौत का कारण भी बन सकती है।
आजकल एडवांस टेस्टिंग मशीनों के कारण इस बीमारी का जल्द से जल्द पता लगवा कर उसे नियंत्रित किया जा सकता है, और समय रहते उपचार किया जा सकता है।

Swine Flu के लक्षण

1. Swine Flu के शुरुआती समय में लक्षण

यदि बार-बार छींके आ रही हूं नाक बंद हो जाए या नाक से पानी बहने लगे तो Swine Flu के होने का खतरा रहता है। इसी प्रकार यदि गले में खराश हो बहुत ज्यादा कफ हो बुखार और सिर दर्द, बदन दर्द होता रहे, तेज ठंड लगना और बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस करना आदि। तो यह स्वाइन फ्लू के शरुआती लक्षणों में आता है।

2. Swine Flu अधिक बढ़ जाने पर उसके लक्षण

Swine Flu का वायरस अधिक बढ़ जाने पर छाती में दर्द होने लगता है। श्वसन दर में बहुत वृद्धि हो जाती है, सांस लेने में परेशानी आने COPD हो सकता है। इसी के साथ गंभीर निर्जलीकरण और बदलती मानसिक स्थिति के शिकार भी हो सकते हैं।
गर्भवती महिलाओं में यह वायरल बच्चे की मृत्यु का कारण भी बन सकता है, साथ ही और भी कई जटिल समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।

Swine Flu हो जाने पर क्या उपचार किया जाना चाहिए

Swine Flu से प्रभावित व्यक्ति को अपना मुंह बंद रखना चाहिए, ताकि यह वायरल दूसरों तक ना पहुंचे। कोशिश करें कि जो व्यक्ति स्वाइन फ्लू से प्रभावित व्यक्ति के साथ है। वह अपनी नाक को ढक कर रखें ताकि प्रदूषित हवा सास के द्वारा अंदर ना जाए इसके लिए हमें मास्क का यूज़ करना चाहिए।
जो लोग स्वाइन-फ्लू से प्रभावित हैं, उन्हें दूसरों के संपर्क में आने से बचना चाहिए। इसी प्रकार जो व्यक्ति Swine Flu से प्रभावित व्यक्ति से मिलने जाए, वह भी कोशिश करें कि उस के संपर्क में कम आए और अपने हाथ साफ सुथरे और धोकर ही रखिए ताकि स्वाइन फ्लू का वायरस उसे प्रभावित ना कर सके। स्वाइन-फ्लू से प्रभावित व्यक्ति पब्लिक प्लेस में डायरेक्ट संपर्क में आने से बचें और अपने चेहरे को कवर करके ही बाहर जाए।

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Swine Flu से बचने के लिए घरेलू नुस्खे

Swine Flu से बचने के लिए हम कुछ घरेलू नुस्खे भी अपना सकते हैं। जिसमें कुछ आयुर्वेदिक बूटियां है, जिनका इस्तेमाल हम स्वाइन फ्लू में कर सकते हैं। जैसे कि हमें तुलसी के पत्तों को मुंह में रखकर Swine Flu के संक्रमण को रोकथाम की जा सकती है। इसके अलावा गिलोय, हल्दी, लहसुन, इलायची आदि का नियमित सेवन करके हम Swine Flu जैसे संक्रमण से कुछ हद तक रोकथाम कर सकते हैं।
अपने आहार को ध्यान में रखते हुए अच्छा और शुद्ध खाना ही खाएं भोजन से हमें कई तरह के संक्रमण से बचने की ताकत मिलती है, और immunity strong होती है। साथ ही बाहर के भोजन को ना खाएं, ऐसा करने से इस संक्रमण को कुछ हद तक फैलने से रोका जा सकता है। इसी के साथ हमें नियमित एक्सरसाइज व्यायाम, योगा और अपनी जीवनशैली को स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए उचित आहार को ध्यान में रखकर इस संक्रमण से बचा जा सकता है।

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